हिन्दी फिल्मों को चाहने वाला कोई भी ऐसा व्यक्ति नही होगा जिसने फिल्म 'अमर अकबर एंथोनी' का नाम न सुना हो। स्टार ऑफ द मिलेनियम अमिताभ बच्चन और नेर्देशक मनमोहन देसाई की बहुत फेमस फिल्म में विनोद खन्ना ने अपने शानदार अभिनय से उस समय के अपने सबसे बडे प्रतिद्वन्दी अमिताभ बच्चन को कडी टक्कर दी थी। इन सबके बावजूद इस फिल्म का संगीत भारतीय फिल्म इतिहास में बहुत उल्लेखनीय बन पडा है। भारतीय सिनेमा के के सबसे ज्यादा सम्माननीय और चार महान गायकों नें पहली बार और शायद आखिरी बार एक साथ अपनी आवाजें इस फिल्म के एक गीत को दी थी। वह गीत था- 'हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें..'
इस गीत को मोहम्मद रफी,किशोर कुमार,मुकेश और लता मंगेशकर जी ने गाया था। रफी साहब ने ऋशि कपूर के लिए, किशोर कुमार जी ने अमिताभ बच्चन के लिए, विनोद खना के लिए मुकेश जी ने और शबाना आजमी,नीतू सिंघ व परवीन बॉबी के लिए लता मंगेशकर जी ने अपनी सुरीली आवाज दी थी।
संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारे लाल ने इसका संगीत और धुन बनाते समय फिल्म के चरित्रों के धर्म और उनकी संस्कृति का विशेष ध्यान रखा था। एंथोनी के लिए पाश्चात्य, अमर के लिए अध्यात्मिक और अकबर के लिए कव्वाली परम्परा के संगीत को आधार बनाकर उन्होने बहुत यादगार काम किया और इस गीत को अमर बना दिया है। इस गीत के फिल्मांकन में न सिर्फ संगीतकार व गायकों का हुनर देखने को मिलता है बल्कि अभिनेताओं, निर्देशक, कोरियोग्राफर और सहायक अभिनेताओं ने भी अपने कौशल से जान फूंक दी है।
इस गीत को मोहम्मद रफी,किशोर कुमार,मुकेश और लता मंगेशकर जी ने गाया था। रफी साहब ने ऋशि कपूर के लिए, किशोर कुमार जी ने अमिताभ बच्चन के लिए, विनोद खना के लिए मुकेश जी ने और शबाना आजमी,नीतू सिंघ व परवीन बॉबी के लिए लता मंगेशकर जी ने अपनी सुरीली आवाज दी थी।
संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारे लाल ने इसका संगीत और धुन बनाते समय फिल्म के चरित्रों के धर्म और उनकी संस्कृति का विशेष ध्यान रखा था। एंथोनी के लिए पाश्चात्य, अमर के लिए अध्यात्मिक और अकबर के लिए कव्वाली परम्परा के संगीत को आधार बनाकर उन्होने बहुत यादगार काम किया और इस गीत को अमर बना दिया है। इस गीत के फिल्मांकन में न सिर्फ संगीतकार व गायकों का हुनर देखने को मिलता है बल्कि अभिनेताओं, निर्देशक, कोरियोग्राफर और सहायक अभिनेताओं ने भी अपने कौशल से जान फूंक दी है।
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