कविता
रूपांतरण
रूपांतरण
आशंकाओं और संघर्ष के बीच उपस्थित भय
लक्ष्य की और बढ़ते क़दमों को गति देता है
और असंभव को संभव बनाने का हौसला भी
लक्ष्य की और बढ़ते क़दमों को गति देता है
और असंभव को संभव बनाने का हौसला भी
चुपचाप एक कोने में बैठा कर एकाग्र कर देता है
चिंतन मनन और आत्म मंथन की अग्नि में तप कर साहस में तब्दील हो जाता है यकायक
जिम्मेदारियों और ज़रूरतों का बोझ
कारण नहीं होता भय का
कारण नहीं होता भय का
जहां भय होता है
वहीं छुपी होती है मनुष्य होने की लालसा
वहीं छुपी होती है मनुष्य होने की लालसा
भय के सकारात्मक रूपांतरण से
अच्छाइयों का पौधा अपनी जड़े जमीन पर जमाये
आँधियों का मुकाबला करता है देर तक ।
एकता
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