ईश्वर
उसकी मौजूदगी
निरंतर बनी रहती है
उसके अस्तित्व का दूसरा नाम ही नेकी है
जब भी अपने चित्त को शांत पाया
वह हमेशा बना रहा मेरे साथ
किसी राग द्वेष और ईर्ष्या के आते ही
वह चुपचाप चला गया वहां से
उसके रंग, आकार और भाव भंगिमाएँ
दिखती रहीं प्रकृति में
नदी के अविरल प्रवाह में मुस्कुराता
नजर आया हमेशा
वह निर्मल प्रेम सा
स्वार्थ से परे जीवन को नए सिरे से परिभाषित
करता रहा साथ साथ
वह निराकार
लेकिन मेरे भीतर एक ख़ास जगह उसकी
मैं जानती हूँ वह कब और किस तरीके से
आवाज देगा मुझको
अब मौजूद है मेरे साथ
ठीक वैसे
जैसे कोई पिता बच्चे को
भीड़ भरा चौराहा पार करा देता है।
एकता
उसकी मौजूदगी
निरंतर बनी रहती है
उसके अस्तित्व का दूसरा नाम ही नेकी है
जब भी अपने चित्त को शांत पाया
वह हमेशा बना रहा मेरे साथ
किसी राग द्वेष और ईर्ष्या के आते ही
वह चुपचाप चला गया वहां से
उसके रंग, आकार और भाव भंगिमाएँ
दिखती रहीं प्रकृति में
नदी के अविरल प्रवाह में मुस्कुराता
नजर आया हमेशा
वह निर्मल प्रेम सा
स्वार्थ से परे जीवन को नए सिरे से परिभाषित
करता रहा साथ साथ
वह निराकार
लेकिन मेरे भीतर एक ख़ास जगह उसकी
मैं जानती हूँ वह कब और किस तरीके से
आवाज देगा मुझको
अब मौजूद है मेरे साथ
ठीक वैसे
जैसे कोई पिता बच्चे को
भीड़ भरा चौराहा पार करा देता है।
एकता
Well done Ekta. Good show, keep it up.
ReplyDeleteThanks a lot
DeleteThanks a lot
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