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Wednesday, February 8, 2017

फ्लाइट मोड में ज़िन्दगी

लेख 
फ्लाइट मोड में ज़िन्दगी 
एकता कानूनगो बक्षी 

मेरी एक मित्र को मोबाइल के वाट्सएप पर एक बुरा समाचार मिला तो उसकी हालत बिगड़ गयी।स्थिति यह हो गयी कि उसे डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा।बाद में पता चला कि वह एक गलत फारवर्डेड मेसेज था।

ऐसा इन दिनों अक्सर होता रहता है क्योंकि जब से नई टेक्नोलॉजी आई है,अच्छी बुरी सूचनाएं तुरंत बिना सोचे समझे भावावेश में सबसे पहले भेजने की लालसा में अपनों को प्रेषित कर दी जाती हैं।

टेक्नोलॉजी के बल पर दुनिया भी  मिनी बल्कि  माइक्रो होती जा रही है। आज आप मीलों  दूर बैठे अपने परिजन को  ख़ुश होने का अवसर दे सकते हैं तो दूर बैठे को सिरदर्द भी गिफ्ट कर सकते हैं ।दूसरे के सुख और दुःख की चाबी कुछ हद तक अब हमारे पास भी   मौजूद है । 

कोई छोटी सी बात जैसे ही सामने आती है,  हमारा फुल टाइम हरकारा, स्मार्ट फ़ोन हमारी उंगलियो के इंस्ट्रक्शन पर हरकत के लिए हाजिर हो जाता है। एक बटन दबाया और दूसरे छोर पर प्रतिक्रिया शुरू।  ख़ुशी हो या दुःख देने  वाली कोई अप्रिय सूचना,तुरंत असर करने लगती है।

परिणाम के बारे में पड़ताल का समय हमारे पास होता ही नहीं  ! भाई , इस लाइट इन फ़ास्ट स्पीड के ज़माने में सोच विचार आउटडेटेड सा ही हो गया है। मैसेज मिलते ही उधर दूसरे पक्ष ने सिरदर्द की गोली ली और आगे का काम शुरू कर दिया मिनिटों में और  देखते ही देखते  सालों से चला आ रहा रिश्ता हो जाता है  क्लीन बोल्ड । 

मुझे लगता है पहले ऐसा नहीं होता होगा । शोक समाचार भी भेजते समय चिट्ठी का एक सिरा काट दिया जाता था ताकि कुछ सेकण्ड्स मिल सके अपने आप को तैयार करने के लिए कि बुरी खबर है ।

पहले भी सब अपनी अच्छी बुरी खबर साझा करते थे पर तब किसी न किसी का विश्वास से भरा हाथ ज़रूर हमारे कंधे पर रहता था  ।अब इस तरह के  फ़ास्ट फॉरवर्ड मैसेज बिना ये जाने की प्राप्तकर्ता की मनोदशा, स्थिति और स्थान क्या रहा होगा आगे बड़ा दिए जाते है यह तो कुछ ठीक नहीं हुआ। कुछ तो नियम होने ही चाहिए । और होते भी हैं । जैसे आज हम अंतरराष्ट्रीय मैसेज करते हैं तो वहां का समय और स्थितियां हमारे  दिमाग में होना चाहिए ।

कभी कभी इतनी भागम भाग का समय होता है कि हम  थोड़े से ठहराव की अपेक्षा लिए सोचते हैं कि  थोड़ी देर के लिए  सब से दूर हो जाएँ। कोई हम तक पहुच नहीं पाये ।कुछ देर थोड़ा रुक कर सोचें, कुछ देर अकेले केवल अपने साथ रहें। कुछ देर के लिए अल्पकालीन शून्य का सुख हम भोग लें। मतलब जीवन का रिमोट कंट्रोल पूरी तरह से हमारे खुद के हाथ में हो।

भले ही मोबाइल फोन में फ्लाइट मोड़ का एक विकल्प किन्ही अन्य कारणों से रहां होगा लेकिन कभी कभार अपने जीवन के मोबाइल पर भी ये चालू करके देखिये जरूर!  अपनी ज़िन्दगी की पिक्चर थोड़ी और क्लियर दिखेगी ।फ्लाइट में नहीं भी होंगे पर एक सुकून भरी  उड़ान ज़रूर भर सकेंगे। 

एकता

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